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Amjad Raza

Romance

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Amjad Raza

Romance

अब भी तू इसे प्यार मत समझना

अब भी तू इसे प्यार मत समझना

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कभी तेरी आँखों में देख के

तेरी जुल्फों को संवार दूँ,

कभी तेरी एक झूठी हँसी की खातिर

अपनी सारी खुशी वार दूँ।


कभी तेरी नज़रों से छुपके

तुझे जी भरके निहार दूँ,

पर अब भी तू इसे

प्यार मत समझना।


कभी जो तू गमज़दा हो तो

तेरी खुशी के खातिर थोड़ा सा प्यार दूँ,

कभी जो तू गुमनाम हो

और मै तुझे तेरे नाम से पुकारा दूँ।


कभी तेरे चेहरे पे उदासी हो

तेरे माथे को चूम कर तुझको निखार दूँ,

पर अब भी तू इसे प्यार मत समझना।


कभी तेरी आँखों में आँसू देख

अपनी भी आँखों को बंद कर दूँ,

कभी तेरी गलती पे भी

खुद को वजह मान कर धिक्कार दूँ।


कभी तेरे दीदार के इंतज़ार में

जाग कर रातें गुज़ार दूँ,

पर अब भी तू इसे प्यार मत समझना।।


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