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Gopal Yadav

Romance

4  

Gopal Yadav

Romance

तू मुझसे दूर कहा है ?

तू मुझसे दूर कहा है ?

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सांसों से तेरी महक आती है,

धड़कन तेरे नाम को जपती है,

निगाहे तेरी यादों को ही देखती है,

शब गुजर जाती पर पलके झुकती नही है।

तू मुझसे दूर कहाँ है,तू मुझसे दूर कहाँ है ।।


बारिश की हर बुंद में तू बसा है,

सर्दी की धुप में तू समाया है,

पतझड़ के सुखे पत्तो में तू बसा है,

रूह की भांति मुझमे तू समाया है।

तू मुझसे दूर कहाँ है, तू मुझसे दूर कहाँ है।।


रात के गहरे सन्नाटे में है तू,

दिन के शोरगुल में है तू,

गिरती सुबह ओस की बुंदो में है तू,

ढलती शाम के नजारों में है तू,

तू मुझसे दूर कहाँ है, तू मुझसे दूर कहाँ है।।


सिगरेट के कश में खींचता हुँ तूझे,

जाम के प्यालो से पीता हुँ तूझे ,

नगमों की भाँति सुनता हुँ तूझे,

पढ़ता था कभी, अब लिखता हुँ तूझे,

तू मुझसे दूर कहाँ है, तू मुझसे दूर कहाँ है।।


बात बिगड़ी नही हालात बिगड़े है,

अब प्यासे नही दरियाँ में डूबे है,

भटके है तेरी गलियों में तब जाके ठहरे है,

तेरे ना होने की शिकायत नही हर जगह तेरे ही पहरे है,

तू मुझसे दूर कहाँ है, तू मुझसे दूर कहाँ है।।


दिल को जरूरत नही तेरी एहसास है तू इसका,

जाने कल जिस्म होगा किसका पर तू मेरा ही रहेगा,

जमाने में मिलन अब न होगा पर जो बिछड़ा नही दूर कैसे होगा,

हर लम्हे में तूझे जीता हूँ फिर क्यों तेरे ना होने का अफसोस होगा ,

तू मुझसे दूर कहाँ है, तू मुझसे दूर कहाँ है।।


मुस्कुराहटों में तू आता है नजर,

अश्को में तू आता है नजर,

जिस्म के हर कतरे में तू आता है नजर ,

वक़्त के हर मंजर में तू आता है नजर,

तू मुझसे दूर कहाँ है, तू मुझसे दूर कहाँ है।।


बिस्तर से उठकर सूजी आंखें बिखरे बाल,

हरकत में आते ही पहली दफा आये तेरा खयाल,

तू मुझसे दूर कहाँ है, तू मुझसे दूर कहाँ है।।


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