❤️मोहब्बत❤️
❤️मोहब्बत❤️
वो कहा करते थे हमेशा साथ रहेंगे हम,
आज वो कह गए अब ना मिलेंगे हम।
वो कहा करते थे बेहिसाब मोहब्बत है तुमसे
आज वो मोहब्बत का हिसाब कर गए हमसे।।
होने से कभी हमारे था उनका रोशन जहाँ,
आज वो कह गए बन गए तुम तमस मेरा ।
बिछड़कर हमसे खुद को वक़्त की ओट में छिपा लिया,
मिलकर हमसे जो किया करते थे खुदा का शुकराना अदा।।
बातों को हमारी उन्होंने कब्र बना दफना डाली,
होती थी जिनकी सुबह की शुरुआत बातों से हमारी।
बना लिया था जिन्होंने हमे अपनी साँसों का हिस्सा,
लो आज बन गए उनकी ज़िंदगी का महज़ एक किस्सा।।
लो अब उनके हाथों की रेत हो गए हम,
जिनके लिए कभी हर जनम की आरजु थे हम।
भ्रम था मेरा की वो उसका अपनापन है शायद तरीका होगा,
अगर छोड़कर गए मुझे तो मुझसे बुरा कोई नही होगा।।
लेके चुम्बन होठो का कहा था बिछड़े तो मर जायेंगे हम,
आज स्वाद बनकर रह गए उनके अधरों का हम।
लहजे में नही हमारे यु सफर में साथ छोड़ना
उन्होंने नसीहत दी हमे सफर था मोड़ आया मुड़ गए क्या कसुर है हमारा ।।
रुखसत ले गए हमसे वो देके मिसाल की मरता क्या नही करता,
जिन्होंने कभी कहा था हमसे की मोहब्बत को मेरी हालातो का मोहताज ना समझना ।
ठहराकर गुनाहगार सजा सुना दी,
जिन्होंने कहा था कभी मोहब्बत की है कोई गुनाह थोड़ी ।।
वो इस बात की आड़ लेते है कि याद नही हमे वादे कसमे,
जो इस बात को लेकर झगड़ते थे कि पहली बार हम कब मिले थे ।
केवल जुदाई के खयाल से कांप जाती थी रूह जिनकी,
आज हजारो दलीले पेश की उन्होंने हमारे रिश्ते में काफ़िर बनने की ।।
उस फुल के लिए भंवरा उम्र का पड़ाव बन गया,
जो कभी सिर्फ इसकी सोहबत के लिए खिलता था ।
मिलने जाता और लेट हो जाता तो कंधे भीगा देता था वो मेरे,
आज मोहब्बत का जनाजा निकला और एक अश्क़ ना बहा आँख से उनके ।।
वक़्त कम पड़ता था लम्हे गुजारने को इतना अनूठा था,
अब उनके लिए सबकुछ जालसाजी,वक़्त जाया,और लगता है झूठा।
उन्होंने कहा हद में रहो तुम और हमे बेलगाम रग़बत याद आ गई उनकी ,
इसे बेवफाई कहुँ या प्यार,
आज उन्होंने चाय पीना ही छोड़ दिया,आदत थी जिन्हें हमारी झूठी चाय पीने की।।
उन्होंने कहा वो उम्र का पड़ाव है ,
पर जानते है हम उन्हें भी मलाल है,
आज भी ज़िन्दगी उसी पड़ाव पर
उनकी भी ठहरी है और हमारी भी ठहरी है।।