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Gopal Yadav

Romance

4  

Gopal Yadav

Romance

इश्क़

इश्क़

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लब ख़ामोश है,

आँखें गुफ्तगु कर रही है,

धड़कने इस बात की हांमी भर रही है !!2!!


पलके झुकी है,

एहसास टकरा रहे है,

बढ़ी साँसे इस बात की ताईद कर रही है !!2!!


चेहरे पर छाई हया है,

खयाल बेहया हो रहे है,

रगों का लहू इस बात की गवाही दे रहा है!!2!!


अदाओं में नजाकत है,

मन बेईमान हो रहा है,

आँखे इस बात को बयाँ कर रही है !!2!!


नजर से नजर टकरा रही है,

दिल से दिल की बाते हो रही है,

रूह इस बात का प्रमाण दे रही है !!2!!


तेरे-मेरे दरमियाँ फासला है,

पर नजदीकियां एक दूसरे से बतिया रही है,

हवाएं इस बात की पैरवी कर रही है !!2!!


प्यार हुआ इकरार हुआ मिलना हुआ अब बिछड़ने की बारी !


दो तरफ़ा इश्क़ एक तरफ़ा बन गया है,

समंदर की प्यास थी बूंदें मिल रही है,

तेरे चेहरे की हल्दी इस बात की हांमी भर रही है !!2!!

तेरे चेहरे की हल्दी इस बात की हांमी भर रही है !


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