“बरसात के लम्हे “
“बरसात के लम्हे “
शायद उसने आज आँखों में काजल लगाया हैं ,
इस शुष्क मौसम में बादल कहाँ से आ गए l
शायद उसने आज आँखों में काजल लगाया हैं,
बरसात की खुशबू में मन खोया हैं।
काले काले बादल बोल रहे हैं कुछ,
उसकी आँखों के बारे में फुसफुसा रहे हैं l
शायद उसने आज आँखों में काजल लगाया हैं,
बरसात के बिना दिल को तनहा पाया हैं।
शायद उसने आज आँखों में काजल लगाया हैं,
बरसात की चाहत में दिल को बहलाया हैं।
इस शुष्क मौसम में, काले काले बादल धीरे-धीरे,
किसी की यादों में, दिल को बहलाने आ गए।
शायद उसने आज आँखों में काजल लगाया हैं,
बरसात की ख्वाहिश में दिल को बहलाया है।
इस शुष्क मौसम में, काले काले बादल धीरे-धीरे,
किसी की यादों में, दिल को बहलाने आ गए।
उनकी मीठी बातों का ख्याल आया,
दिल को सुकून मिला, जैसे बरसात का पानी
काले काले बादल बोल रहे हैं कुछ,
किसी से मिलने की आस में दिल उड़ा जा रहा हैं।
इस मौसम के रोमांच से लिपट,
किसी के साथ रंगीन पल बिताते हुए।
काजल से आँखों को सजाते हुए,
उनके साथ बरसात की खुशबू में खोए हुए।
चमकती रूपवती आँखों में काजल की खूबसूरती,
किसी के साथ गुनगुनाते हुए गीतों की सुनाई।
बरसात के बादलों के साथ नृत्य करते हुए,
वे एक-दूसरे के संग जीते हुए सपनों को सजाते हुए।
बरसात के रोमांचक लम्हों में,
दिल का आह्वान, प्यार की ध्वनि।
वादियों में गुम हो जाते हैं हम,
किसी के साथ, प्रेम की कहानी।
प्यार की बारिश में, दिल खो जाता है,
कान्हा की मीठी यादों में, रूह बहक जाती है।
बरसात के बादलों के साथ, हमसफ़री का मौसम,
दिल के तार को चूमती, प्यारी सी गीतों की आवाज़।

