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ritesh deo

Romance

4  

ritesh deo

Romance

राधे और मोहब्बत

राधे और मोहब्बत

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मै कृष्णा तू राधा मेरी मुझ ही में है अब झलक तेरी ,

जग ये सारा राधे राधे जपे ए मेरी राधे तू तो है बस मेरी ,,


तेरी मुहब्बत में कुछ इस तरह बन जाऊं ए मेरी राधे,

लगाकर जहर का प्याला लवों से तुझमें ही खो जाऊं ,,


कैसी ये मुहब्बत है मेरी राधे कि सुझता अब कुछ नहीं,

मेरी चाहत की ये दुनिया दीवानी पर उन्हें तेरे सिवाय कुछ दिखता नहीं ,,


ये संसार मात्र एक मोह और कुछ नहीं बिछोह है ,

चाहतों से आगे प्रेम में बस मिलन का संजोग है ,,


तेरा नाम है बस एक सच्चाई क्यों कि तू है मुझमें समाई,,

ना बंधन है कोई ना ही कोई अपेक्षा फिर भी इस कदर ए मेरी राधे तू बस मेरी बांसुरी की धुन पर दौड़ी चली आई ,,


जलन तो है तुम्हें भी मेरी राधे जब जब ये गोपियां मेरे नजदीक आई,

पर ए मेरी राधे तुम तुम हो कहा तुम तो हो मुझमें समाई ,,


मीरा की भक्ति भुल‌ न जाना मेरी राधे जहर का प्याला लवों से वो भी प्रेम में लगाई,

पा मुक्ति वो भी देखो कितनी भक्ति से मेरे सनमुख आई,,


प्रेम आसान नहीं है मेरी राधे कितनी ही मुश्किलों से गुजरना होगा ,

लवों पर आएंगी अक्सर मुस्कुराहट पर तन्हाईयों से भी गुजरना होगा ,,


सब मंजूर है मेरी राधे पर तुझसे बिछड़ना कुबूल नही ,

मैं मैं नहीं मेरी राधे क्यों ये तुम समझती नहीं ,,


आ जाओ मेरी राधे एक संसार बसाते हैं जिसे मुहब्बत के दीवानों के नाम करते हैं ,

करते हैं कुछ ऐसा जहा लगे न उन्हें इस जग जैसा ,,


हां मेरी राधे ये जग मुहब्बत का वैरी है ,,,,



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