तुझ बिन जीना हुआ मुश्किल
तुझ बिन जीना हुआ मुश्किल
अब हँसी होठों की दिल
को हँसाती नहीं मेरे
क्यूँ याद ये तेरी दिल से
जाती नहीं मेरे
तुझ से दूर होके ऐसा
अकेला हुआ हूँ मैं की
थोड़ी सी ख़ुशी भी अब
संभाली नहीं जाती
तुझ से दूर हो के ये
जाना है
दिल में अब कोई खुमारी
नहीं होती
कितना अकेला हो गया है
दिल ये मेरा की
साँसो में भी धड़कनों की
शुमारी नहीं होती