तस्वीर
तस्वीर
पुरानी तस्वीर ही है बस मेरे पास ,
जिसमें हँसता हुआ है मेरा परिवार ।
तस्वीर जिसमें माँ- पापा है मेरे साथ।
किसी तस्वीर में माँ हँसती हुई है,
जैसे कह रही हो कि मैं हमेशा ही हूँ तेरे आसपास।
किसी तस्वीर में पापा की गुड़िया है ,
उनके कन्धे पर हर गम से अनजान ,
जिंदगी में बहुत गम है अब ,
पापा आ जाओ न मेरे पास।
आ नहीं सकते आप पता है, मुझे यह बात।
इसीलिए तो बस पुरानी तस्वीरे है मेरी खास,
क्योंकि उनमें हम तीनों आज भी है साथ।
माँ -पापा के बाद एक और तस्वीर है मेरी खास
जिसमे मेरी वर्ल्ड बेस्ट दादी जी है मेरे साथ ।
जो हमेशा सबसे लड़ जाती थी मेरे लिए ही खास।
ये पुरानी तस्वीरे होती है बहुत खास ।
क्योंकि अपनों के जाने के बाद बस रह जाती है ,यही पास ।
नही आती है मुझे लिखना ,कविता कुछ खास
पर यहाँ लिखे है बस मैंने अपने जज्बात ।
