एक कहानी तेरी मेरी
एक कहानी तेरी मेरी
लिख रही हूँ एक कहानी मैं,
क्या तुम उसका किरदार बनोगे?
पहले पन्ने पर न सही तुम,
पर क्या आखिरी तक साथ रहोगे?
अगर रूठ जाऊँ मैं तो,
क्या मुझे मनाने के जतन करोगे?
मेरे चेहरे की मुस्कान न सही पर,
क्या ताउम्र मेरा सुकून बनोगे?
छुपा लेती हूँ अक्सर अपने अंदर मैं बहुत कुछ,
दिल खोल जिससे कह सकूँ, क्या तुम मेरा वह खास दोस्त बनोगे?
तुम सिर्फ मेरे हो,
क्या यह बात हक से जमाने के सामने कहोगे?
सपने तो बहुत है मेरे भी, पर कोई समझा नहीं,
क्या तुम मेरे हर सपने को साकार करोगे?
मैं सिर्फ तुम्हारी ही रहूँगी आखिरी सांस तक,
क्या तुम भी सिर्फ एक मुझे अपने दिल में रखोगे?
अकेली हूँ जिंदगी के सफर में,
क्या मेरा हाथ थाम इस अंजान सफर में हमसफर बनोगे?
कहते हो बहुत प्यार करते हो मुझसे
क्या ढलती उम्र में झुर्रियों के साथ भी ऐसे ही प्यार का इकरार करोगे?
लिख रही हूँ एक कहानी मैं,
क्या तुम उसका किरदार बनोगे?

