STORYMIRROR

Rajit ram Ranjan

Romance Inspirational

4  

Rajit ram Ranjan

Romance Inspirational

तो हूँ मैं गुनेहगार!

तो हूँ मैं गुनेहगार!

1 min
229

बेपनाह मोहब्बत करना,

ग़र गुनाह है,

तो हूँ मैं गुनेहगार!

टूटकर किसी को चाहना,

ग़र गुनाह है,

तो हूँ मैं गुनेहगार!

दिल में किसी को बसाना,

ग़र गुनाह है,

तो हूँ मैं गुनेहगार!

किसी के दर्द को मिटाना,

ग़र गुनाह है,

तो हूँ मैं गुनेहगार!

किसी को हमदर्द बनना,

ग़र गुनाह है,

तो हूँ मैं गुनेहगार!

किसी के आंसू

अपनी आँखों से बहाना,

ग़र गुनाह है,

तो हूँ मैं गुनेहगार!

किसी को देखकर मुस्कराना,

ग़र गुनाह है,

तो हूँ मैं गुनेहगार!

किसी कि जीत में ख़ुद को

हार जाना,

ग़र गुनाह है,

तो हूँ मैं गुनेहगार!

किसी रूठे को मनाना,

ग़र गुनाह है,

तो हूँ मैं गुनेहगार!

किसी के बिन जी ना पाना,

ग़र गुनाह है,

तो हूँ मैं गुनेहगार!



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance