इक मैं हूं घर बसाना चाहता हूं..! इक मैं हूं घर बसाना चाहता हूं..!
किसी को हमदर्द बनना, ग़र गुनाह हैं, तो हूँ मैं गुनेहगार! किसी को हमदर्द बनना, ग़र गुनाह हैं, तो हूँ मैं गुनेहगार!
हिंदी भाषा को पहचान दिलाना है आंखों से हमे अंधेरा मिटाना है हिंदी भाषा को पहचान दिलाना है आंखों से हमे अंधेरा मिटाना है
अपने हाथों से तेरे पांव में, पायल पहनना चाहता हूं एक चुटकी सिंदूर से, तेरी मांग सजाना अपने हाथों से तेरे पांव में, पायल पहनना चाहता हूं एक चुटकी सिंदूर से, तेरी मा...