तनहाई
तनहाई
हर तनहाई का मरहम हो तुम
हर दुआ मे खुदा का रहम हो तूम
तुम पास ना हो तो रोता है दिल
बारबार कहता है आकर हमसे मिल
तुम्हारी आखों का नशा तडपाता है बारबार
तुमसे रूबरू होने को चाहता है बारबार
बाहो के घेरे मे दिल ख़ुश होता है हर पल
प्यार की मिठास को सहता है हर पल
चूम लेना हमे एक बार अपने होंठों से
भूल जाए सारे गम तेरे एकबार चूमने से
इस कदर प्यार करना की खो जाऊं तुझमे
हर कण कण मे समाकर बस जा तू मुझ मे
खोल दो सारे दरवाजे मुस्कुराओ खुल के
प्यार की खुशिया हम दोनो मनाएं जमके !