तन्हा सफ़र
तन्हा सफ़र
तन्हा सफर पर
निकल पड़े थे हम
ना मंजिल का पता था
ना खबर रास्तों की थी
जिंदगी के किसी मोड़ पर
जो तुम मिले कहीं
मुस्कुराने लगा दिल
चाहतें खिलने लगीं
क्या जानते थे...
घड़ी भर का है ये सपना
नींद खुलते ही बिखर जाएगा
फिर से चलना होगा हमें
अकेले तन्हा सफर पर....!!