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Nalanda Wankhede

Drama

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Nalanda Wankhede

Drama

तकाजा

तकाजा

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लफ्ज़ों की नुमाइश इस कदर हावी है

अल्फाज़-ए-कलम हकीकत बदलती है।


वक़्त न जाने किस तकाजे पर बैठा है

काली सर्द रात कहती जुगनुओं ने संभाली है।


दीमक लगी क़िताबों को फेंका न करो यूँ

लंबे दर्द भरे दास्तानों को उम्र भर झेली है।


इल्जाम लगाने से पहले सोचना पल भर

धड़कनों ने दिल को बदहाली दी है।


इश्क़ गुनाह है तो यह गुनाह सर आँखों पर

दीवानों को रोजाना जनाज़े की रुदाली दी है।


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