वक़्त न जाने किस तकाजे पर बैठा है काली सर्द रात कहती जुगनुओं ने संभाली है। वक़्त न जाने किस तकाजे पर बैठा है काली सर्द रात कहती जुगनुओं ने संभाली है।
पत्थर को खुदा और खुदा को पत्थर बना सकती है। पत्थर को खुदा और खुदा को पत्थर बना सकती है।