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SHRADDHA SINGH

Romance

4  

SHRADDHA SINGH

Romance

तेरी यादों में बारिश

तेरी यादों में बारिश

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देखो वो बारिश फिर आई।

तेरी याद भरी बात फिर लाई।

बूंदों में शामिल तू अब भी है।

कैसे कह दूं, तू दूर है मगर पास तब भी है।


बेताबी से इंतजार किया इस बारिश का।

तेरे चेहरे पर मुस्कान आ ही गई होगी।

क्यूंकि बारिश तो वहां भी हुई होगी।

देखो ये बारिश अब कुछ बता रही है।


तुम सुकून में हो और बेहद खुश हो जता रही है।

तम्माना तो नहीं किसी बात की।

मैं तो खुश हूं ये बारिश को देख कर।

इसमें एहसास अब भी तेरा है।


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