बिछड़ा यार
बिछड़ा यार
कल रात फिर याद आया वो।
सपने में अलग नजर आया वो।
है तो वैसे भी बेहद हसीन।
पर कल कुछ ज्यादा हसीं नजर आया वो।
याद से ही कुछ और बहुत कुछ याद लाया वो।
दिल में एक दरवाजा है।
और उस दरवाज़े की चाबी है वो।
कहने को अब साथ नहीं।
पर अब भी मेरा आशी है वो।