तेरी यादें
तेरी यादें
बात किये बिना तो रोक लिया खुद को ,
पर याद किये बगैर कैसे हम रह पाते?
आपकी खुशी की खातिर छोड़ा आपको,
पर बगैर आपके हम खुश कैसे रह पाते !
माना की हालात ने मजबूर किया आपको,
पर वो दर्द ओ सितम अब हम क्यों सहे ,!
आप बदल गये उल्फत के वादे हजार करके!
अब ये प्यार की दर्द भरी दास्ताँ कैसे कहे !
उल्फत की निगाहों से देखती वहम होता हैं ,
सहारा में मृगमरीचिका सा वहम होता हैं !
हरिन की नाभि में कस्तूरी की खुशबू हो,
खुद उसको पाने को बेताब दौड़ता है !
🪡🌷🪡🌷🪡🌷🪡🌷🪡🌷