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Anil kumar Aggarwal

Romance

4.0  

Anil kumar Aggarwal

Romance

तेरी सांसो के हैं जो पहरे

तेरी सांसो के हैं जो पहरे

1 min
46



तेरी सांसो के हैं जो पहरे, धड़कनों को मेरी हैं घेरे

मेरी आँखों से तू ही दिखे रे, चाहे शाम हो या हो सवेरे ।

तेरा जादू ऐसा चला रे, मैं परवाना हुआ तेरा रे

छूकर मुझे मेरे यारा, दिल मेरा चुरा ले गया रे ।

ख्वाबों में आकर यूँ मेरे, तू यादों में मेरी बस गया रे

चाहत में तेरी मेरे जाना, मैं दीवाना तेरा हुआ रे ।

कर ले भरोसा मुझ पर, मैं तेरा हुआ रे – हुआ रे 

बेख्याली के ख्यालों में तू ही बन गया मेरा सहारा

तू समंदर हुआ जो मेरा, मैं तेरा बन गया किनारा ।

तू बन गया मेरी शायरी, मैं तेरा शायर हुआ रे,

तू मंजिल मेरी, मैं तेरा मुसाफ़िर हुआ रे ।

रातों में नींदो के बहाने, मैं तेरे ख्वाबों में जागा करूँ,

हो जाये सवेरा जो, बनकर अंगड़ाई तेरी,

तुझी से मैं लिपटा करूँ ।

आठों पहर संग तेरे बनकर परछाई मैं चलूँ ,

कर ले भरोसा ये मैं तेरा हूँ तेरा रहूँ ।

बनकर धड़कने तेरी, दिल में तेरे धड़कता रहूँ,

सांसो के संग तेरी सांसो में घुलता रहूँ।

जब तक है जान ओ जाने जहान तेरी इबादत करूँ

करके खता मैं ये, खुदा से बगावत करूँ ।

तेरी सांसो में रहकर संग तेरे जिऊँ और मरूं।

                




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