तेरी सांसो के हैं जो पहरे
तेरी सांसो के हैं जो पहरे
तेरी सांसो के हैं जो पहरे, धड़कनों को मेरी हैं घेरे
मेरी आँखों से तू ही दिखे रे, चाहे शाम हो या हो सवेरे ।
तेरा जादू ऐसा चला रे, मैं परवाना हुआ तेरा रे
छूकर मुझे मेरे यारा, दिल मेरा चुरा ले गया रे ।
ख्वाबों में आकर यूँ मेरे, तू यादों में मेरी बस गया रे
चाहत में तेरी मेरे जाना, मैं दीवाना तेरा हुआ रे ।
कर ले भरोसा मुझ पर, मैं तेरा हुआ रे – हुआ रे
बेख्याली के ख्यालों में तू ही बन गया मेरा सहारा
तू समंदर हुआ जो मेरा, मैं तेरा बन गया किनारा ।
तू बन गया मेरी शायरी, मैं तेरा शायर हुआ रे,
तू मंजिल मेरी, मैं तेरा मुसाफ़िर हुआ रे ।
रातों में नींदो के बहाने, मैं तेरे ख्वाबों में जागा करूँ,
हो जाये सवेरा जो, बनकर अंगड़ाई तेरी,
तुझी से मैं लिपटा करूँ ।
आठों पहर संग तेरे बनकर परछाई मैं चलूँ ,
कर ले भरोसा ये मैं तेरा हूँ तेरा रहूँ ।
बनकर धड़कने तेरी, दिल में तेरे धड़कता रहूँ,
सांसो के संग तेरी सांसो में घुलता रहूँ।
जब तक है जान ओ जाने जहान तेरी इबादत करूँ
करके खता मैं ये, खुदा से बगावत करूँ ।
तेरी सांसो में रहकर संग तेरे जिऊँ और मरूं।