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anil kumar

Romance

4.0  

anil kumar

Romance

बारिश का मौसम

बारिश का मौसम

1 min
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ये बारिश का मौसम, ये वर्षा का जल

बड़ा ही मधुर लगता हैं ये नदियों का कल-कल

आती हैं यादें, ऐसे में हर पल

धड़कता है ये दिल, फिर पल-पल

था कोई वो जिस बिन सावन भी अब सूखा है,

था कोई वो जिस बिन मौसम भी अब रूखा है ।

आती हैं यादें जब उसकी,

होती हैं वर्षा अँखियों से जल की ।

वो बरखा का पानी हैं, या हैं अँखियों का जल

भीग कर वर्षा में, खो जाता हूं इसी कशमकश में,

मैं हर पल ।

बना के तस्वीर उसकी, बरखा के जल में

ढूंढता हूँ उसको फिर, बरखा के जल में ।

टूटता है ये भ्रम फिर पल भर में,

मिलती हैं जब बूंदे, अँखियों के जल में ।

घटा काली छाती हैं ऐसे, 

अँखियों के आगे उसका साया हो जैसे ।

बरसती हैं मिलकर घटाए जब जब

टूटता हैं हर पल, दिल ये तब तब ।

मेरा तो सावन सूखा है हर पल

बरस के अब और ना तड़पा तू एक पल ।

            


 



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