जीवन का सच
जीवन का सच
क्या हँस के
बोले अब
क्या हँस के
टाल दे अब
है परेशानियां जुड़ी
सबके साथ
उससे ना अछूते तुम
ना रहे अछूते हम
फिर कैसे वक़्त पर
डाल दे कुछ फैसले हम
यूँ तो जिंदगी में
मिलेंगे हँसाने वाले बहुत
फिर क्यों नहीं
अपनी हसरतों को
भविष्य पर डाल दे हम
ना होगा हसरतों के
पूरा ना होने का ग़म
पर शायद हो जाये
कुछ परेशानियां कम
बहुत सीखा अब तलक
हमने हालातों से समझौता करना
झुके बहुत रिश्तों को
बचाने के लिए हम
पर ना बदला ज़माना
ना हुई परेशानियां कम
सीखा है हमने भी
हँसना हँसाना, रूठना मनाना
दूसरों की आँखों से
गिरते आंसुओं को पौंछना
पर ना बदला ज़माना
ना कम हुआ परेशानियों
का आना जाना
ना रिश्तेदारी में, ना दोस्ती में
कभी की मान अपमान की परवाह
सब बातों से ऊपर
बस एक बात यही जानी है
अनिल की जुबानी कही
सच्ची कहानी है
बदलेगा ये ज़माना
बदलेगी दुनिया सारी
पर कभी ना जो बदले
वही है सच्चे यार की यारी।