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संजय कुमार

Romance

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संजय कुमार

Romance

तेरी राहें

तेरी राहें

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बैठा हूं बेला की छाया में

खो कर तेरी यादों में वर्षों से

आशा है कि तु आएगी एक दिन

लेकर प्यार का पैगाम मेरे

आँखे भी न सो रही है

डर है तेरे निकल जाने की

हर आती पवनों की लहरों से

तेरे आने का समय पूंछ रहे हैं

जाएगी तु एक दिन इन राहों से

यही बैठ कर सोच रहे हैं।


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