माँ शेरावाली
माँ शेरावाली
लेकर, सिंह शेर की सवारी
आयी लाल चुनरिया वाली
हर भक्तों के दुख हरने वाली
नाश,असुरों का करने वाली
आवो भक्तों सजाएं माँ के दरबार को।
माथे तिलक, मुकुट सिर सोहे
गले में रख,माला नैन मन मोहे
रिमझिम फ़ूल इंद्रलोक से बरसे
देव गण भी,तेरे दर्शन को तरसे
आओ भक्तों सजाएं माँ के दरबार को।
तेरे चरणों में माँ है,ये जग सारा
हे माँ करना तुम,कल्याण हमरा
मुख पर सूर्य चमक सी चमके
अष्ठ भूजों संग शास्त्र ये सजते
चलो भक्तों सजाएं माँ के दरबार को।