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संजय कुमार

Abstract

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संजय कुमार

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DIPAWALI

DIPAWALI

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मिल खुशियों के दीप जलाओ

सीता संग रघुवर अवध में आए।


अवध नगर की  व्यथा सुनाओ

अवध के राजा लौट के आए।


जगमग जगमग दिखे संसार

खुशियों के दीप जले हर द्वार।


हर दीपक चाँद सा चमक रहा

पल पल में रोशनी बदल रहा।


चम चम चमके वतन ये प्यारा

आया दीपावली त्यौहार हमारा।


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