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संजय कुमार गौतम

Abstract

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संजय कुमार गौतम

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सदा नारी का सम्मान करो

सदा नारी का सम्मान करो

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जिस समाज में नारी का सम्मान न हो

वहां मानव समाज का कोई स्वरूप नहीं

जन्मा है,मानव किस माया रूपी अंग से

हर देवी नारी इन मानव से यह पूछ रहीं

है, कौन सा ऐसा दुनियां में समाज

जो नारी के बिन बन पाएगा

बना लो तुम अगर अपना नर स्वरूप

बिन देवी इस निर्बल नारी के

हर देव गण भी तुम्हारा ही सदा गुण गाएगा।

एक को कहते बहन, लक्ष्मी माता

दूसरे को निर्लज्ज करते हो

जन्म लिए जिस देवी नारी से

अत्याचार उसी पर करते हो

मानव नहीं पशु समाज है होता

जिसने नारी का अपम

ान किया

उसका नारी से जन्म न होवे

जिसने जन्में नारी से,नारी पर ही अत्याचार किया

कैसी है ,यहां की सभ्यता, संस्कृति

जहां नारी का सम्मान न हो

किस गीता, पुराण में लिखा है

की नारी का अपमान करो

कौन सा है, कैसा समाज जहां

ऐसी संस्कृति सीखते हैं

कहते हैं जिसे, काली, सरस्वती, दुर्गा, सीता माता

उनके अंशों पर ही आत्याचार करते हैं

है, मानव, सभ्य बनो आदर्श बनो

मानवता जरा दिखा दो तुम

तुम्हीं हो उनके, पिता, बेटा भाई बंधु

हर नारी को ,बेटी,माता,बहन बनालो तुम!


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