दो दिलों का आभास
दो दिलों का आभास


दो दिल से मिल एक दिल बने
जीवन की एक लम्बी डोर बने।
आभास मुझे, उनके सांसों की लगे
लहराती, जब ये मधुर पवनें चले।
महका महका फिर क्यों यहां लगे
जब पवन की लहरें वहां चलें।
सूना सूना सा, हर आलम ये लगे
छोड़ उन्हें, जब हम कुछ दूर चले
चलो क्यों न अब हम वहां चलें
जहां थे उन्हे,हम पहली बार मिले।
दो दिल से मिल एक दिल बने
एक लम्बी जीवन की डोर बने।