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Bhavna Thaker

Romance

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Bhavna Thaker

Romance

तेरी ओर

तेरी ओर

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लबों की लाली मेरी शोर करें

सज गई तेरे गालों पर

ले पालव मेरा पौंछ ले

निहायती प्रेमी

लग रहे हो जानेगी दुनिया 

हाये क्या कहेंगी दुनिया


मेरे फ़िरोज़ी लबों पर ठहरी

एक साँस तेरी ज़ाफ़रानी सी

लबरेज़ महकती बहकती नशीली 

मेरे अहसास वृंद से लिपटा एक साया 

अद्ल तुम सा कुछ कुछ अद्भुत


नाभि को चूमते जो मेरी

तेरे लबों का नीला निशान पड़ा

मिटाए ना मिटे रे हाय तौबा मचाए

गेसूओं की महक ले गया तू

बिखरी लडियों से इत उत उडे

बाँधूँ कैसे ये हाथ ना रहे


बस में कहाँ अब वजूद मेरा 

गया तू जिस दिशा में दिल उस ओर उड़े।


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