तेरी ओर
तेरी ओर
कुछ तो खास है तुम्हारे अंदर
इसलिए तो खिंचा आता हूं तेरी ओर
दिवाना बनाने लगती है तेरी बातें
इसलिए तो खींचा आता हूं तेरी ओर
बेबस पाता हूँ खुद को जब जिक्र तेरा होता
इसलिए तो खींचा आता हूं तेरी ओर
तेरी हंसी ओर तेरी शैतानी बनाती पागल
इसलिए तो खींचा आता हूं तेरी ओर
कभी तेरी चिंता हो जाती तो कभी आता प्यार
इसलिए तो खींचा आता हूं तेरी ओर
मनमोहक छवि तेरी मन को बनाती कवी
इसलिए तो खींचा आता हूं तेरी ओर
भोली भाली सी हो तुम
इसलिए तो खींचा आता हूं तेरी ओर ।।