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Bhavna Thaker

Romance

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Bhavna Thaker

Romance

तेरी आवाज़ का जादू

तेरी आवाज़ का जादू

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सुन

तेरी आवाज़ का रंग

क्या जादू जगाता हे 

कभी चाहत का सुरूर बन

दमकता है मेरे गालों पे

सुर्ख़ करता है मेरे रुखसार को

कभी ठहर जाता है आँखों में मेरी

अश्क़ की नमी सा

बोझिल नैनों की कटोरीयों में कैद 


सुन

तेरी आवाज़ की महक 

संदल सी महकाती

उतर जाती है मेरे सीने में 

दस्तक दे जाती है दिल पे

उतरती है रुह में

मनचाही मदहोशी लिये

मेरी ज़ुल्फ़ों का दामन थामें 


सुन

तेरी आवाज़ का स्वाद

कभी घुल जाता है 

मिसरी बन मेरे लबों पर

मीठा कर जाता है मेरे वजूद को

चखकर तू देख

तीखे नशतर सा मीठा अहसास 

कर देगा इस रिश्ते को

बेइन्तेहाँ बेमिसाल 


सुन

तेरे लबों का मौन

कभी गूंजता है मेरे कानों में 

शोर से बहरा करता जज़्बात मेरे 

गूँगा करता सवाल मेरे

लाता है मेरे लब पे भी

खामोशी का शोर


सुन ना ...

कबूल है मुझे तेरी आवाज़ की

हर अदा 

हर रंग, हर महक, हर स्वाद

नहीं मंज़ूर है तो बस तेरा 

सूरीला मौन ...न कभी

न रहना चुप

देता है तुम्हारे बोल मेरी

सर्द सांसों को धूप।



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