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Ketankumar Kantilal Bagatharia "Rahi"

Drama Action

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Ketankumar Kantilal Bagatharia "Rahi"

Drama Action

"तेरे ही उजियारे "

"तेरे ही उजियारे "

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जहाँ तक देखूं तेरी कृपा के उजियारे, 

हर एक कण में तू ही तू समाया, 


इस धरा -अंबर में तेरे ही उजाले, 

हर नदी -जंगल में तेरे ही सहारे, 


हवा में तो शीतलता का झोंका , 

हर आग में तू ही प्रकाश बन के समाया ,


जल में तू ही जीवन, तू ही किनारा 

जमीं पे लहराते अन्न में तू ही पोशक सहारा, 


हर जीव स्थल का यहाँ तू ही सहारा, 

यहाँ इस जहां में तू ही तू बसेरा, 


न जाने क्यूं इंसान भरमाया, 

सब कुछ जाने फ़िर भी भटकन को पाए, 


तेरे इस जहां में माया के भरमाये 

ये इंसान बेचारे फ़िरते मारे मारे, 


जहाँ तक देखूं तेरी कृपा के उजाले, 

बस तू ही ना दिखे राही ये कैसे किनारे. 



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