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Ketankumar Kantilal Bagatharia "Rahi"

Fantasy

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Ketankumar Kantilal Bagatharia "Rahi"

Fantasy

कुछ पन्ने जिंदगी के

कुछ पन्ने जिंदगी के

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कुछ पन्ने जिंदगी के उलझे हुए,

मोर पंख से रंगे हुए,

बूढ़ी आंखों पे ऐनक सही,

स्वाद में चाय की चुस्की,

मेरी कहानी पुरानी,

फिर भी बच्चों की रुची,

लेखनी में शाही एक रंग कि,

कहानी मेरी फिर भी पचरंगी,

किताब हो या जीवन,

संभाल के रखो अनमोल पल।



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