मोत से बड़ी कोइ रज़ा नहीं है
मोत से बड़ी कोइ रज़ा नहीं है
मौत से बड़ी कोइ रज़ा नहीं है
साथ क्या आता है किसी को पता ही नहीं है
किस्तों में मरते हैं रोज़
ज़िन्दगी के हिस्से में कुछ रहता ही नहीं है
सुख दुःख सोच मन की
ज़िन्दगी में गम का कोई रास्ता ही नहीं है
पैसो से सुख बटता रहे रोज़
ज़िन्दगी जीने का और कोइ तरीका ही नहीं है
कैसे जिए बता दे यहाँ अब
ज़िन्दगी में खुश रहने का कोई ज़रिया किताबो में नहीं है
किस कारण दुःखी सभी
जीवन में उस कारण का कोई पता ही नहीं है
क्या खुद ईश्वर से मागे
जीवन में लगता है कोइ ईश्वर ही नहीं है
लोगों को चाहे पुर्ण करदो
जिंदगी में जीवन किसिका आसान होता ही नहीं है
जीना है तो किसी के दिल में जियो राही
जीवन में यहाँ मोत किसी को बख्शती नहीं है।