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Sakhi M

Romance

4  

Sakhi M

Romance

तेरे बिन

तेरे बिन

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360

ये उन दिनों की बात है……..

जब तेरी मेरी हथेलियाँ पहली बार मिली थी 

और उनके मिलते ही उनमें बसी रेखायें सब 

बेलों सी एकदूजे में तार तार तब लिपटी थी 

क्या तुझे याद है वो हर लम्हा पहली मुलाक़ात का

एक हल्की छूअन से दिल ज़ोरों से जब धड़का था

आॉंखें गहरी समंदर सी और पलकें तक ना झपकी थी

दुनिया सारी भूल कर जब दो दिल दिवाने मिले थे


साजन मुझे याद है सारे लम्हे हमारी मुहब्बत के

दिवानी सी मैं आज भी उन्हें गले लगाये हूँ 

साँसों में उन्हें बसाये हूँ उन्हीं में जीती रहती हूँ 

तू मिला था जबसे मायना ज़िंदगी का बदला था

साथ तेरा होने से हर मौसम बदला बदला था

तू ही तू हर पल हर जगह और तू ही तू ज़िंदगी था


इस ज़िंदगी की किताब के हर पन्ने पर तब से 

बस एक भाषा एक कहानी और लिखा है एक गीत 

तेरा नाम तेरा ही गीत तेरा प्यार और तू ही मनमीत 

जानू ना फिर भी साजन तक़दीर की ये मैं रीत 

प्यार बेइंतहान सही क्यूं कच्ची क़िस्मत और सच्ची प्रीत 

गिरा आँख से अब हर लम्हा बनके धारा अब मेरे मीत.. 


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