तेरा नूर
तेरा नूर
तस्वीर में ही देख कर
निहार पाया हूं तुझे
रूबरू होकर तू
मुझमें समाया सा रहा है
प्यार भी तेरा
एक दुआ की तरह है
जितना आजमाया है
बस बढ़ता ही रहा है
मेरी अधूरी ख्वाहिशें
मुक़म्मल यूँ हुई तुमसे
मानो खुदा मेरा
हबीब बन रहा है
जहाँ तुम वहाँ मैं
यही हुआ है अब तलक़
अब देखना यह है
यह सिलसिला मुसलस
कितना अपना रहा है.....
ख़्वाब है मेरा बस
पाने की तुझे हसरत
तेरा नूर अब मुझमें
घुलमिल यूँ रहा है......