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Amit Singhal "Aseemit"

Abstract Romance Fantasy

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Amit Singhal "Aseemit"

Abstract Romance Fantasy

ताल से ताल मिला दो

ताल से ताल मिला दो

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मेरी सुरहीन और बेताल ज़िंदगी की नाव पार लगा दो।

मेरे अंधेरी ज़िंदगी में रोशनी की लड़ी की तार लगा दो।


आराम, खुशी, सुकून, मुहब्बत पर तो मेरा भी हक़ है।

सब को मेरी खुशी से जलन और मुहब्बत पर शक़ है।


क्यों मैं ही इस तरह बेतरतीब और बेसलीका सा जीयूँ।

मैं खुशी के जाम का प्यासा हूं, मैं भी तो थोड़ा सा पीयूँ।


आओ मेरे जीवन में और अपनी ताल से ताल मिला दो।

मेरी बेहाल ज़िंदगी में अपने हाल से मेरा हाल मिला दो।


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