स्वतंत्रता सेनानी
स्वतंत्रता सेनानी
हम हवा के झोंके हैं,
यूं मुट्ठी में समेटे नहीं जाते।
हम आजाद पंछी हैं आसमानों के,
यूं आसानी से किसी के हाथ नहीं आते।
बिजली की गड़गड़ाहट से
किसी की झोली पर यूं बरस नहीं जाते।
हम बारिश का सैलाब हैं
क्यारियों में सिमटे नहीं जाते।