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Yashwant Nagesh

Classics

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Yashwant Nagesh

Classics

कुछ पाए कुछ खोए

कुछ पाए कुछ खोए

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कुछ पाए कुछ खोए,

कुछ भूले कुछ याद रहा।


जिन्दगी का हर एक लम्हा,

खुद में ही आबाद रहा।


कभी गम तो कभी खुशी,

कभी दर्द तो कभी दवा का हाथ रहा।


मीठी सी मुस्कान में भी,

नमकीन आँसुओं सा स्वाद रहा।


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