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Prema Halsi

Children

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Prema Halsi

Children

स्वप्न

स्वप्न

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ऐसा एक स्वप्न है मेरा, 

मैने देखी है इक ऐसी दुनिया।

जहाँ हो मेरा घर आँगन मेरा,

फूल, पेड़ बाग और बगिया।।


फूलों से लहराए पौधे ,

फलों से लद जाये पेड़।

 खुशबू से महके घर अंगन,

 खेतों में हरियाली भर जाएं।।


रंग-बिरंगी तितली झूमें ,

हर-तरह की चिड़ियाँ चहके। 

भवरे बागों में गुजाएं,

जो हर जन के मन को भाएँ "


घर आंगन में बच्चे खेले ,

 बड़े-बूढ़े में हँसी ठिठोली।

 ना कोई झगड़ा ना दुख हो,

हर कोई सबको प्यारा'।।


ऐसा एक स्वप्न है मेरा।

ऐसा एक स्वप्न है मेरा।


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