झूम रहा है
झूम रहा है
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जंगल में नाचा है मोर
रंग बिरंगा है चितचोर
पंख फैलाकर घूम रहा है
मस्ती में वह झूम रहा है
देखो आया हिरन -हिरन
चमक रही सूरज की किरन
शेर-शेरनी यहाँ पर रहते
जंगल का राजा इन्हें कहते
जंगल में ही रहते संत महान
पूजे जिनको सकल जहान
शुद्ध वायु ,जल, पवन यहाँ
शहरों में मिलता है यह कहांँ ?
अगर चाहिए शुद्ध,वायु ,जल
जंगल अब हमें बचाने होंगे
पेड़ -पौधों को लगा ,संरक्षण
अनन्त काल तक करने होंगे
जंगल, मानव, पशु, पक्षी सब
आपस में एक दूसरे के सहयोगी
मंगलगान गूंजते प्रति क्षण
सभी रहेंगे यहां तभी निरोगी।
