हो जाऊं
हो जाऊं
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ये कब चाहा कि मैं मशहूर हो जाऊँ,
बस अपने आप को मंज़ूर हो जाऊँ
न बोलूँ सच तो कैसा आईना मैं,
जो बोलूँ सच तो चकना-चूर हो जाऊँ
बहाना कोई तो ऐ ज़िंदगी दे,
कि जीने के लिए मजबूर हो जाऊँ
मेरे अंदर से गर दुनिया निकल जाए,
मैं अपने-आप में भरपूर हो जाऊँ।
