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Syeda Noorjahan

Drama Classics Inspirational

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Syeda Noorjahan

Drama Classics Inspirational

सवेरा

सवेरा

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क्यों दिलों में नहुसत का डेरा है

हर तरफ रौशनी फिर भी अंधेरा है


अभी तो आग़ाज़े शब है तुम अभी से थक गए

होश संभाले रखना अभी दुर सवेरा है


परेशान क्यों होते हो अगर हम उदास हैं

ज़िन्दगी की छत तले ग़मों का बसेरा है


चलो दे दो तुम हमें अपने ग़म तोहफे में

क्या करें ज़िन्दगी का हर ख्वाब तेरा है


क्यों दौलत के लिए होते हैं खुवार सब

जानते हैं यह रुपया ना तेरा ना मेरा है


हैरान क्यों है ज़माना मुझे देख कर

मैंने कामयाबी को अपनी ओर घेरा है


खाक में मिल जाएं हर कोशिश उसकी

जो छीनना चाहे वह कुछ जो तेरा है


रहे खुशहाल हर शख्स मेरे घर का

रौशन दुआ का अलग अंदाज तेरा है।


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