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Anuradha Negi

Action

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Anuradha Negi

Action

सुंदरता

सुंदरता

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201

तन की हो वो चाहे हो मन की 

अहम हिस्सा है दोनों जीवन की 

कोई जहां में है पहचान को बदलता तो

कोई दूसरों की आंखों का रंग है बदलता।

कोई है जन जन के दिलों में बसती तो

कहींं कोई हमेशा है निगाहों में सजती

किसी को मिलता जग में प्रसिद्धि सम्मान

तो किसी को इतराता है उसका अभिमान।

हर रोज कोई प्रशंसा है अपनी पाता

तो कोई कोई रोज बस ठोकरें खाता

रोज प्रशंसा सुनकर भी वो अपने

ठोकर वाले के होते साकार सपने।

वो गिरता तो फिर उठता खुद था 

कोई बस पाकर तारीफ ही खुश था

वो गिरता गया और फिर चलता रहा था 

और तारीफ से कहीं घमंड पलता रहा था।

                       


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