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Lokeshwari Kashyap

Drama Action

4  

Lokeshwari Kashyap

Drama Action

सुखद अनुभव

सुखद अनुभव

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 ऐ री सखी आज इस नील गगन की देखो तो जरा सुंदरता l

 कितनी मनभावन लग रही है बादलों की यह पंक्तियां ll


 कहीं-कहीं श्याम तो कहीं-कहीं श्वेत धवल l

 यह मनाकर्षक मेघ मानो हो फूलों की लड़ियां ll


 कुछ खिली - खिली सी, कुछ दिखे जरा अधखिली सी l

 जैसे हो राधा कृष्ण के बाग की कलियां ll


 ए सखी री मन का मयूरा मेरा आज बावरा सा हो रहा l

 देखकर अचरज भरी बादलों की यह सुन्दर बगिया ll


बचपन की, जवानी की, गांव और मोहल्ले की l

 आज आ जाओ दूर - पास कि मेरी सारी सखी सहेलियां ll


स्वच्छंद व उन्मुक्त मन से जरा आज हम भी सखी री l

 घूम आए हम भी यह सुंदर बादलों की गलियां ll


 कहीं-कहीं गुच्छों में भी दिख रही है यह बदलियां l

 मानो हो यह श्वेत पुष्पों से भरी- भरी डलियाँ ll


 यह शुभ धवल बादल कतारों में आज ऐसे सजे l

 जैसे लगी हो आसमां में बादलों की सुन्दर क्यारियां ll


ए री सखी जरा देखो यह धवल चंचल बादल l

 इस तरु में उलझ कर, कर रहा कैसी अठखेलियां ll


हे सखी री कितना मनमोहक, सुंदर दृश्य है यह l

 दुआ करो इस सुखद अनुभव से आल्हादित हो आज सारी दुनिया ll



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