सुबह मुस्कुराती है
सुबह मुस्कुराती है
वो अंधेरे में,
स्विमिंग पूल के किनारे,
बेंच पर बैठा, एक जोड़ा--
अंतहीन बातों का सिलसिला,
रुक जाता है कभी-कभी,
जब नज़र मिल जाती है--
पकड़े जाने के भय से, नज़र---
नज़र से नज़र चुराती है,
एक झेंपी हुई सी मुस्कान,
पर एक साथ कई कदमों की चाप,
रुकी बातचीत का सिलसिला,
जोड़ जाती है.
विदा से पूर्व,
युवक बढ़ाता है एक वेणी,
सुगंधित---
थाम उसे---
दोनो का प्रस्थान,
प्रेमी मंद स्मित लिए--
सपनों में खो जाता है,
और युवती तकिया के नीचे रख वेणी,
सुगंधि आत्मा में बसाती है,
गहन निद्रा में सो जाती है,
अंगड़ाई लेकर उठा ये जोड़ा,
देख उनके चेहरे की चमक औ' खुशी,
" सुबह मुस्कुराती है"।