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सती .. एक स्त्री

सती .. एक स्त्री

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बस एक प्रश्न ही तो किया था

कि ये राम भगवान कैसे हो गए,

परीक्षा ले लो

ये शब्द तुम्हारे ही थे न,


सर्वज्ञ थे तुम

चाहते तो समझा भी सकते थे,

पर मुझे भेजा, परीक्षा के लिए।


और फिर ....

अपमानित हुई तुम से

त्याग दिया मुझे।


उस परीक्षा के परिणाम में,

मुझे मेरे अधिकारों से

कर दिया वंचित।


फिर भी पिता के घर में

मुझ से नहीं सहन हुआ

तुम्हारा अपमान,


टकराया तुम दोनों का

पुरुष दम्भ

और गंवाए मैंने ही

अपने प्राण।


अपने पिता के घर में

विध्वंस हुआ उनका यज्ञ ...

तो प्रश्न आज भी वहीं है

मेरा घर कौन सा है,


वह, जहाँ जब चाहे

मेरे पत्नी अधिकारों का

होगा हनन,


या वह

जहाँ यज्ञ में मेरा

कोई स्थान ही नहीं।।


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