जब समाज ही है भ्रष्ट तो किस पर करें ट्रस्ट ? जब समाज ही है भ्रष्ट तो किस पर करें ट्रस्ट ?
सब लोग शतरंज हैं जानते फिर भी दांव पेच से बाज नहीं आते यहाँ। सब लोग शतरंज हैं जानते फिर भी दांव पेच से बाज नहीं आते यहाँ।
भूल गया मानव अपनी नैसर्गिक प्रवृत्ति हो गया क्या उसकी आत्मा का हनन ! भूल गया मानव अपनी नैसर्गिक प्रवृत्ति हो गया क्या उसकी आत्मा का हनन !
मेरा घर कौन सा है, वह, जहाँ जब चाहे मेरे पत्नी अधिकारों का होगा हनन, या वह जहाँ यज्ञ में मे... मेरा घर कौन सा है, वह, जहाँ जब चाहे मेरे पत्नी अधिकारों का होगा हनन, या ...
कोई तो हाथ पकड़ कर आगे बढ़ाने वाला भी मिलेगा कोई तो हाथ पकड़ कर आगे बढ़ाने वाला भी मिलेगा
स्वतंत्रता करती है हमारा बेहतर विकास, लेकिन जीवन में बंधन भी होते हैं खास। स्वतंत्रता करती है हमारा बेहतर विकास, लेकिन जीवन में बंधन भी होते हैं खास।