बढ़ोगे तभी मिलेगा मुकाम।
बढ़ोगे तभी मिलेगा मुकाम।
आगे बढ़ो।
मंजिलें मिलेंगी आगे बढ़ के तो देखो,
रास्ते भी खुलेंगे, तुम कोशिश कर के तो देखो
राहें सफ़र हौसला रखना होगा,
दर्द का घूंट भी हंस कर पीना होगा।
गिराने वाले सौ-सौ आगे आएंगे तो
कोई तो हाथ पकड़ कर आगे बढ़ाने वाला भी मिलेगा
डरना किस बात से, हासिल क्या होगा
ये सोचने से पहले एक बार सोच के तो देखो जरा
जो कुछ ना हासिल भी हुआ तो तजुर्बा तो होगा ही होगा
कर्म की खेती में बिन बढ़े तो, खुद के ही जज्बातों का हनन होगा।।