स्वतंत्रता और बंधन
स्वतंत्रता और बंधन
स्वतंत्रता करती है हमारा बेहतर विकास,
लेकिन जीवन में बंधन भी होते हैं खास।
हमारा जीवन चलता है समायोजन के संग,
स्वतंत्रता न मिल पाए तो हम रहते हैं तंग।
आजादी ही तो लाती है हर जीवन में बहु रंग,
आजादी का नाम नहीं होता हरगिज हुड़दंग।
आजादी का महत्व एक बंदी ही बेहतर जाने,
बंदीगृह में गुलामी में झेल रखे हैं कितने त्रास।
स्वतंत्रता करती है हमारा बेहतर विकास,
लेकिन जीवन में बंधन भी होते हैं खास।
स्वतंत्रता और स्वच्छंदता का भेद जाने हर जन,
बिन रोक-टोक स्वच्छंदता कहती करो जो हो मन।
हमारी स्वतंत्रता न बाधा किसी की सम है हर जन,
स्वच्छंदता से संभव है किसी की स्वतंत्रता का हनन।
हमने रहना है स्वतंत्र पर न हरगिज होना है स्वछंद,
रहें जो यही भाव हर एक मन में रहे दृढ़ यह विश्वास।
स्वतंत्रता करती है हमारा बेहतर विकास,
लेकिन जीवन में बंधन भी होते हैं खास।
बीते गये चौहत्तर साल विकास का न पूरा हुआ सपना,
सर्वे भवन्तु सुखिन: का संकल्प पूरा न हो पाया अपना।
बेईमानी का मौका मिलते लाभ लेने की जागती कल्पना,
ईमानदारी का भाव बचा सकता है नैतिकता बंधन अपना।
रामराज्य लाने और जग से भ्रष्टाचार मिटाने की खातिर तो,
स्वतंत्रता और दायित्व बोध संग बंधन की जरूरत खास।
स्वतंत्रता करती है हमारा बेहतर विकास,
लेकिन जीवन में बंधन भी होते हैं खास।