आंखें बोलती हैं
आंखें बोलती हैं
उसने कहा,
क्या लिखती रहती हो
मैंने कहा, इश्क
उसने कहा,
इश्क भी कोई लिखता है क्या
इश्क तो किया जाता है
उसने कहा,
क्या तुम्हें इश्क हुआ कभी
मैंने देर तक
उसकी आंखों में देखा
और कहा, शायद नहीं
पता नहीं।
मैंने कहा,
क्या सामने वाले को
पता लग जाता है
जब कोई उस से
इश्क करता है।
उसने कहा, हां
मैंने कहा, कैसे
उसने कहा,
आंखें बता देती हैं।
मैंने कहा, मेरी आंखें गूंगी हैं शायद
उसने कहा, क्या
मैंने कहा....
अब कहने को क्या रहा !