"सस्ती सी लोकप्रियता"
"सस्ती सी लोकप्रियता"
सस्ती सी लोकप्रियता के चक्कर में एक बॉलीवुड नारी
सारे जहान से अच्छे हिन्द वतन से कर रही है, गद्दारी
वो कहती है, असली आजादी हमें 2014 बाद मिली
तो क्या उससे पहले सब देशभक्त लोग थे, मदारी?
मोदी जी क्यों दी, उसे पद्मश्री अवार्ड की पावन फुलवारी
जिसके दिमाग में तो घूम रहे है, कलुषित विचार भारी
सस्ती सी लोकप्रियता के चक्कर में एक बॉलीवुड नारी
शहीदों के सम्मान पर चला रही है बड़बोली तलवारी
कुछ शख्स कर रहे है, आजकल गंगा नदी को खारी
उन्हें सस्ती लोकप्रियता और राजनीति की है, खुमारी
शायद यही वजह है, बिना सोचे दे रहे बयान अहंकारी
पर मेरे हिंद देश में न चलेगी तुम जैसे लोगों की कलाकारी
ऐसे एक राजनेता सलमान खुर्शीद, अपनी पुस्तक में,
बता रहे आरएसएस संगठन को भयानक आतंककारी
आईएसआई, बोको हरम आतंकी संगठ
न से तुलना कर,
राजनीति में स्वयं सेवी संगठन को बता रहे है, विनाशकारी
ऐसे कुछ लोग जिन्हें मानसिक रोग की है, बड़ी बीमारी
सस्ती सी लोकप्रियता के चक्कर में बोल रहे शब्द, विकारी
वोटों के खातिर चला रहे ये, भाईचारे पर तलवारी
मुँह में राम, बगल में रखते ये लोग जहर बुझी कटारी
मोदी जी उन्हें जेल भेज दो, जो उगले जहरीले शब्द प्रलयंकारी,
उन्हें मार दो जो रखे, घट भीतर साम्प्रदायिक विष पिटारी
सस्ती सी लोकप्रियता के चक्कर में एक बॉलीवुड नारी
सारे जहान से अच्छे हिन्द वतन से कर रही है, गद्दारी
सोनू जैसे जिन्हें भले न आती हो राजनैतिक कलाकारी
पर कभी अंधेरों के बीच में न बुझती चरागों की तैयारी
अब आप हिन्द के लोगों दिखाओ अपनी ऐसी समझदारी
उखाड़ फेंको उन्हें, जड़ से जो छिपे हिंद भीतर लोग गद्दारी